पिछले 61 साल से हम डेवलपिंग कंट्री ही हैं. हम ग्रोथ कर रहे हैं लेकिन कहीं ना कहीं पीछे हैं. कारण बहुत हैं लेकिन कुछ हमारी आंखों के सामने. जरा गौर करें, विकास के लिए बनाई गई मेम्बर ऑफ पार्लियामेंट लोकल एरिया डेवलेपमेंट स्कीम यानी सांसद निधि पर. इसके तहत सिर्फ यूपी के सांसद 3.19 अरब रुपए खर्च ही नहीं कर पाए हैं. योगी आदित्यनाथ जैसे कद्दावर सांसद ही करीब 9 करोड़ रुपए से भी ज्यादा खर्च नहीं कर सके हैं. यही नहीं सोनिया गांधी, राहुल गांधी, जयाप्रदा, जितिन प्रसाद और अखिलेश यादव जैसे नामी सांसद भी खर्च करने में ढीले ही रहे. मिनिस्ट्री ऑफ स्टैटिस्टिक्स एंड प्रोग्राम इम्प्लीमेंटेशेन की वेबसाइट से पता चलता है कि यूपी के लोकसभा एमपीज के खाते में कुल 199.71 करोड़ रुपए और राज्यसभा एमपीज के खाते में 119.5 करोड़ रुपए पड़े हैं. यह वेबसाइट 31 जनवरी 2009 को अपडेट की गई है. वेबसाइट के अनुसार सांसद निधि खर्च नहीं करने के मामले में लोकसभा सांसदों में राजनारायण बुधोलिया (हमीरपुर) के एकाउंट में 9.26 करोड़ रुपए और गोरखपुर के सांसद योगी आदित्यनाथ 8.93 करोड़ रुपए के साथ टॉप ऑफ द लिस्ट हैं. इनके अलावा सोनिया गांधी, पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी, महावीर प्रसाद, रामनारायण साहू, अमर सिंह, भगवती सिंह, बनवारी लाल कंछल, वीरेन्द्र भाटिया आदि भी अपनी सांसद निधि का पूरा उपयोग नहीं कर सके हैं. दरअसल सांसद निधि एक ऐसी व्यवस्था है, जिसके तहत सांसद अपने क्षेत्र के विकास की योजनाएं बनाकर उन्हें मंत्रालय भेजता है. योजनाएं एप्रूव होते ही उस जिले का डीएम धन जारी कर देता है और विकास कार्य शुरू हो जाता है. राशि अगर खर्च नहीं हो पाई तो इसका सिर्फ यही मतलब है कि हमारे सांसद जरूरी योजनाएं ही पेश नहीं कर सके हैं. अब जब लोकसभा चुनावों की अधिसूचना कभी भी जारी हो सकती है, ऐसे में यह करोड़ों रुपए के विकास कार्य नए सांसदों की झोली में चले जाएंगे.बड़े बड़े बकायेदारराजनारायण बुधोलिया (हमीरपुर) -9.26 करोड़ रुपए
योगी आदित्यनाथ (गोरखपुर) - 8.93 करोड़ रुपए
रुबाब सैयदा (बहराइच) - 8.44 करोड़ रुपए
पंकज चौधरी (महाराजगंज) - 6.47 करोड़ रुपए
महावीर प्रसाद (बांसगांव) - 4.93 करोड़ रुपए
रामगोपाल यादव (संभल) - 4.31 करोड़ रुपए
मुनव्वर हसन (मुजफ्फरनगर) - 3.87 करोड़ रुपए
अनुराधा चौधरी (कैराना) - 3.44 करोड़ रुपए
श्याम चरन गुप्ता (बांदा) - 3.07 करोड़ रुपए
शफीकुर्रहमान बर्क (मुरादाबाद) - 2.99 करोड़ रुपए
शैलेन्द्र कुमार (चायल) - 2.48 करोड़ रुपए
अटल बिहारी वाजपेयी (लखनऊ) - 2.48 करोड़ रुपए
अफजल अंसारी (गाजीपुर) - 2.43 करोड़ रुपए
रमेश दुबे (मिर्जापुर) - 2.33 करोड़ रुपए
अतीक अहमद (फूलपुर) - 2.16 करोड़ रुपए
सोनिया गांधी (रायबरेली) - 2.10 करोड़ रुपए
राहुल गांधी (अमेठी) - 2.05 करोड़ रुपए
अजित सिंह (बागपत) - 2.03 करोड़ रुपए
अक्षय प्रताप सिंह (प्रतापगढ़) - 1.99 करोड़ रुपए
कुंवर जितिन प्रसाद (शाहजहांपुर) - 1.97 करोड़ रुपए
अखिलेश यादव (कन्नौज) - 1.94 करोड़ रुपए
राजबब्बर (आगरा) - 1.74 करोड़ रुपए
मुंशीराम (बिजनौर) - 1.66 करोड़ रुपए
बलेश्वर यादव (पड़रौना) - 1.52 करोड़ रुपए
कैलाश नाथ सिंह यादव (चन्दौली) - 1.16 करोड़ रुपए
जयाप्रदा (रामपुर) - 1.14 करोड़ रुपए
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वीर सिंह (मुरादाबाद) - 3.79 करोड़ रुपए
मुरली मनोहर जोशी (इलाहाबाद) - 3.22 करोड़ रुपए
कलराज मिश्र (वाराणसी) - 2.80 करोड़ रुपए
जया बच्चन (आजमगढ़) - 2.47 करोड़ रुपए
उदय प्रताप सिंह (फिरोजाबाद) - 2.25 करोड़ रुपए
रामनारायण साहू (लखनऊ) - 2.10 करोड़ रुपए
अमर सिंह (आजमगढ़) - 2.06 करोड़ रुपए
भगवती सिंह (लखनऊ) - 1.89 करोड़ रुपए
बनवारी लाल कंछल (लखनऊ) - 1.88 करोड़ रुपए
वीरेन्द्र भाटिया (लखनऊ) - 1.73 करोड़ रुपए
विनय कटियार (फैजाबाद) - 1.59 करोड़ रुपए
अरुण शौरी (कानपुर नगर) - 1.55 करोड़ रुपए
1 टिप्पणी:
आप के विचार काफी अच्छे है, हिन्दी के विकास के लिये मुझे आपके शब्दो की जरूत है, इसके लिये आप मुझे अपने लेख मेल कर सकते है,आपके सहयोग से टूटते हुए देश को बचाया जा सकता है
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